मीरा महोत्सव;- डांडिया-गरबा रास देखने उमड़े शहरवासी

रविवार,24 अक्टूबर, 2010 दैनिक भास्कर
मीरा महोत्सव के तहत गोरा बादल स्टेडियम में शनिवार रात गरबा डांडिया रास आयोजित किया गया। जिसमें गरबा नृत्यों पर प्रस्तुतियां देखने लोग उमड़ पड़े।
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मीरा स्मृति संस्थान की ओर से मीरा महोत्सव के तीन दिवसीय महोत्सव के तहत शनिवार रात नौ बजे गोरा बादल स्टेडियम में गरबा डांडिया रास महोत्सव का शुभारंभ पूर्व चेयरपर्सन आनंदकंवर सांदू व संस्थान अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रतियोगिता में गुजरात की एक तथा चित्तौडग़ढ़ की आठ टीमे भाग ले रही है। इसमें नव दुर्गा मित्र मंडल अशोकनगर, मेवाड़ महोत्सव समिति, जय मां गरबा रास, जय अंबे महोत्सव, शास्त्रीनगर युवा समिति, माहेश्वरी युवा मृदुल सेवा समिति, इंपीरियल क्लब जिंकनगर, नवयुवक मंडल खटीक समाज की टीमों ने भाग लिया। गुजरात की ऊंकार कलाविृंद के कलाकारों ने प्रस्तुति शुरू की।

इधर, मीरा महोत्सव के तहत गोरा बादल स्टेडियम में शुक्रवार रात जितेन्द्र जैन एंड पार्टी की भजन प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत की गई दो नृत्य नाटिकाओं ने जमकर दाद लूटी।

गणपति व सरस्वती वंदना के बाद संगीतकार जितेन्द्र जैन ने'धरती धोरां रीÓ सुनाया। उन्होंने लगान फिल्म के गीत 'ओ पालनहारे, तुम बिन हमरा कोऊ नहींÓ प्रस्तुत किया।

नृत्य नाटिका ने किया भाव-विभोर

भजन संध्या में कलाकारों ने नृत्य नाटिका 'भगत के वश में है भगवानÓ की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। इस नाटिका में एक महिला द्वारा भगवान कृष्ण की अटूट भक्ति व समर्पण, उसकी बहुओं द्वारा भगवान की प्रतिमा को फेंकना, महिला के पगला जाने, डाक्टर द्वारा प्रतिमा के चेकअप करने आदि प्रसंगों के दिल छू लेने वाले मंचन पर पांडाल तालियों से गूंज उठा। इसके बाद एक अन्य नाटिका 'मेरो तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोईÓ में कृष्ण भक्ति से खफा होकर मीरा पर राजपरिवार के अत्याचार का मंचन

किया गया।

एक गीत से खफा हुए श्रोता

गायिका रीना दास ने भजनों के बीच एक राजस्थानी गीत 'मैं पालो कैयां काटूं जी, रेल में न बैठूं भंवरजी, मोटर में न बैठूंÓ सुनाया तो कई श्रोताओं ने इस पर आयोजकों के समक्ष प्रतिक्रिया दी कि इस तरह के गीत मीरा महोत्सव की संस्कृति के अनुरुप नहीं हैं। इसके बाद जब रीना एक और गीत सुनाने वाली थी तो उन्हें रुकना पड़ा।

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