क्या ये सच है की ज्यादा ब्लॉग्गिंग करने से ये हाल हो जाता है ??????????



क्या ये सच है की ज्यादा ब्लॉग्गिंग करने से ये हाल हो जाता है ??????????

जब से इस फोटो को देखा है तब से मन मे कुछ न कुछ हो रहा है, जिसे आप सब के साथ बटना चाहता हूँ |
जो भी है मगर अपने ब्लॉग पर ढेर सारी टिप्पणियां देखने का मन किसका नहीं होता है , लोगो की " वाह वाही"
सुनने का दिल किसका नहीं करता , मगर दो साल के ब्लॉग्गिंग से कुछ तो दुनिया दारी का पता चल गया है की ये सब एक सीमा तक ही अच्छा हें |


:- शेखर कुमावत

13 टिप्‍पणियां:

पंकज मिश्रा ने कहा…

टिप्पणी देखने का मन करता है तो लो टिप्पणी। क्या कहने। आपने हर ब्लॉगर के मन की बात कह दी है। बधाई।
http://udbhavna.blogspot.com/

kunwarji's ने कहा…

mast wali baat hai ji...

kunwar ji,

माधव( Madhav) ने कहा…

ha ha ha ha............
interesting

Nishant ने कहा…

जब तक टिप्पणियों का लालच रहेगा, पेट में मरोड़ होती रहेगी.

Udan Tashtari ने कहा…

ये बीमारी भी लाईलाज सी ही है. :)

Smart Indian ने कहा…

वाह वाह !

Shekhar Kumawat ने कहा…

bahut achha laga aap ka ye hal dekh kar bahut khub

http://kavyawani.blogspot.com/

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

दो साल में अभी कुछ समय बाकी है अपना, इसलिये ....

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

वाह भाई वाह

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बिलकुल हो जाता है भाई, बचके।
--------
क्या आप जवान रहना चाहते हैं?
ढ़ाक कहो टेसू कहो या फिर कहो पलाश...

vandana gupta ने कहा…

लाइलाज बिमारी लाइलाज इलाज...........क्या किया जाये..........अब तो यही कहेगे...........दिल जलता है तो जलने दे.

अजय कुमार झा ने कहा…

अजी ये हाल ........हमने तो सुना है कि लोग बौरा तक जाते हैं ,पगला जाते हैं....बौखला जाते हैं ...लेकिन ज्यादा ब्लोग्गिंग से नहीं ....कम टिप्पणियों से ....इसलिए खूब ब्लोग्गिंग करिए और खूब टिप्पणियां

Paise Ka Gyan ने कहा…

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