ब्लॉगर साथियों
नमस्कार
ब्लॉग्गिंग करते करते लगता है की बस सुबह उठो और ब्लॉग की पड़ताल करो की उसे रात भर में किस किस ने छेड़ा और क्या टिप्पणियाँ करी हैं . कई बार ऐसा भी होता है की हमें अचानक याद आता है की हमें भी उनका ब्लॉग देखना चाहिए जिन्होंने हमारे ब्लॉग पर टिप्पणी करी है.सार्थक ब्लॉग्गिंग के लिए रोजाना लिखने के बजाय थोड़ा बहुत पढ़ते भी रहना जरुरी लगने लगा है.केवल शुरू की चार लाइन पढ़कर टिप्पणी करने की औपचारिकता से बचना चाहिए.खैर भाषणबाज़ी बंद करता हूँ.बोर नहीं करते हुए मुद्दे पर आता हूँ.आज की इस पोस्ट में जो कहना चाहता था.वो ये क़ि यहाँ दो युवा साथियों की कहानी है.
आइये आज हम आप को मिलाते हैं चित्तौडगढ के दो धुरंदर चिठ्ठाकारों से जो अपनी पहचान की दुनिया में ओरे को कुछ अपनी गति से फैलाव दे रहें हैं.ब्लॉग्गिंग जहां कहीं बार अपने मन की संतुष्ठी के लिए की जाती हैं वहाँ ये साथी अपने इलाके की ज़मीं पर इस दुनिया के पुराने खिलाड़ी बनते जा रहे हैं.हालांकि ब्लॉग्गिंग में इनके हाथ लगभग साफ़ है.इनके ब्लोगों पर कई बार सार्थक लेखन की झलक देखी गयी है.खैर चलो
- सबसे पहले आप को मिलाते हैं हम लाल पतलून में बैठे शेखर जी से ये अपनी बी.कॉम की पढाई पूरी कर चुके अभी तक कुंवारे ब्लॉगर हैं.और आजकल बिल्कुल फ्री हैं | सारे दिन एक ही काम रहता है,वो है अपना ब्लॉग लिखना और लोगों के ब्लोग्स पर टिपण्णी करना | ख़ास तौर पर कहें तो आप काव्य 'वाणी' ब्लॉग और अमृत'वाणी'.कॉम के स्वामी हे |
- और अब आप को मिलवाते हैं उस शक्स से जो नीली पतलून में बैठे हैं और वो एक बेटी के बाप हे , सरकारी नैकरी हैं , ज्यादातर कवितायेँ लिखते हैं ,और आकाशवाणी में बोलते हैं.. ब्लॉग्गिंग का अभी अभी भूत सवार हुवा है ये है माणिक जी हैं. , आप माणिकनामा ओर अपनी माटी ब्लॉग के ठेकेदार हैं.
आशा करते हे आप को ये जबरदस्ती दी गई सूचना पसंद आएगी |
7 टिप्पणियां:
chalo jabardasti hi sahi badhiya bta hi dete hai....
kunwar ji,
मिलवाने के लिए शुक्रिया
दोनो को शुभकामनाएं !!
आभार मिलवाने का.
दोनो को शुभकामनाएं
दोनो को शुभकामनाएं !!
Bahut sunder.....Apka blog planet pe welcome hai
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