हा जी ! सबसे पहले आप को करा देते है सीतामाता के दर्शन |


हम है राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की बड़ीसादड़ी तहसील से 15 km की दुरी पर जहाँ है वन विभाग का स्वागत द्वार और हमें शुरू करनी है यहाँ से यात्रा
स्वागत द्वार जहाँ पर इस वन की रक्षा करते है हनुमान जी
सीता माता वन्य अभ्यारण का पूरा नक्शा, अगर आप खो जाये तो इसे याद रखे |
और हमारी पैदल यात्रा शुरू जय कारे के साथ
इस भरी दोपहरी मे एक चाय की चुस्की ~!
और हा रास्ते मे हमें मिले बाल दम्पति जो शादी के बाद पहली घुमने आये है !
ये हमारे भय्या 4 KM चलने के बाद दुसरो को ट्रेक्टर मे जाता देख लाल पीले हो गये !!

हा!!!!!! थक गये हो तो रास्ते मे चाय पानी की व्यवस्ता भी है
यहाँ हम पहुचे वाल्मीकि आश्रम और देखिये यहाँ के नज़ारे क्या हरियाली है, सच मनो इतनी तेज गर्मी मे अचानक येहरियाली देख दिल खुश हो गया |
इसे जरुर पढिये गा !!!!!!!!!!
और यहाँ तो नहाने की भी व्यवस्था है !!!!!!!
अगर आप के जुते ख़राब हो जाये, टूट जाये या मंदिर मे खो जाये तो आप को चिंता करने की जरुरत नहीं है आप केलिए तेयार है देसी जूतों की जोड़ी !

माता सीता लव-कुश की तस्वीरे मिल जाएगी मात्र 10 /- Rs मे

अगर आप के मोबाइल की बेट्री ख़तम हो गई हो तो वो भी यहाँ चार्ज की जा सकती है मात्र 10/- Rs मेअब हम पहुंचे हनुमान चट्टान यहाँ की कहानी तो मुझे नहीं पता मगर प्रतापगढ़ से आने वाले यात्री यही आकरमिलते है |
यहाँ का पानी भी अमृत से कम नहीं है देखो तो सरी केसे पी रहा हूँ मे
सभी के साथ फोटो खिचवाने का मजा कुछ और ही होता है |
अब हो जाईयें दर्शन के लिए तेयार, मगर यहाँ का माज़रा तो कुछ और ही है दर्शन के लिए |
भाईसाहेब मत पुछियें केसे पहुंचा यहाँ पर, पैर रखने की भी जगह नहीं है, सच तो ये है हम २२ यात्रियों मे से केवलसात जनों ने ही दर्शन कियें बाकि सब ने कल्टी मार ली |
और हा आप सब इसे जरुर पढिये गा |
एक बार फिर कीजिये दर्शन मा सीता के

और मेरे ये हालत दर्शन के बाद

अब थोडा नाच लिया जाये आप का क्या ख्याल है |
अब पता चला अन्दर चीते और शेर भी है |||||
अब अंत मे आप सब का शुक्रिया मेरे सफ़र मे साथ रहने के लिए, अब आप से एक गुजारिश है अगले बरस आप भी आकर देखे कितना मज़ा है इस मेले मे |
sita mata abhyaran
:- शेखर कुमावत