नहीं रहे रमेश चन्द्र वाधवानी


चित्तौड़गढ़ नगर से एक बड़ी दु:खद खबर कि मूलत: शिक्षक और अपनी रूचियों के बूते एक सादे  और सृजनशील संस्कृतिकर्मी के रूप में पहचान बनाने वाले रमेश चन्द्र वाधवानी तेबीस अप्रैल की रात दस बजे हमें छोड़ गए.सांस्कृतिक आन्दोलन स्पिक मैके,साहित्यिक संस्था संभावना,पूज्य सिंधी समाज समिति,वरिष्ठ नागरिक मंच,पेंशनर समाज,मीरा स्मृति संस्थान सहित शहर की लगभग बारह संस्थाओं से बहुत गहरे रूप में जुड़े हुए थे.वे बेहद सादे और सज्जन आदमी थे.इन सभी संस्थाओं के बीच प्राथमिकता के आधार में स्पिक मेके की लाड की संस्था रही है.

हर तरह के सांस्कृतिक-सामाजिक आयोजन में अपनी और से कुछ जोड़ने की प्रवृति वाले वाले रमेश जी के असमय जाने पर हम भी शोक संतप्त है.उनकी जिंदादिली भरी जीवन शैली और मस्तमौला चेहरे के हम हमेशा कायल रहे हैं.आज स्पिक मैके और अन्य संस्थाओं के बैनर तले उनके साथ बिताएं पलों को याद करते हुए  ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हैं.उनकी रूचियों में रंगोली बनाने से लेकर चित्र उकेरने,फोटोग्राफी करने,लम्बी यात्राएं करने तक को अपनी जीवन का हिस्सा उन्होंने बनाया है.

विचारों और कार्यशैली में एकदम युवा प्रतीत होने वाले वाधवानी जी हर आयुवर्ग के साथियों के साथ अपनी कड़ी बिठा लेते थे.उनके जैसा लुभावना व्यक्तित्व हमें सदैव याद आता रहेगा.एक बड़ी सचाई कि उनके फेर में जो भी आया,गहराई से जुड़े बगैर नहीं रह पाया.सोंपे गए काम को करने में उनका समर्पण देखने योग्य होता था.दायित्व के तौर पर काम चिंता के आख़िरी लेवल तक वे डटे रहते थे.आज हम सभी उनकी जीवन शैली को सलाम करते हैं.साथ ही उनके शोक संतप्त परिवार को इस सदमें को सहने करने की शक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.


उनकी स्पिक मेके के हित कोहिमा यात्रा के कुछ छायाचित्र जो उनकी अंतिम बड़ी यात्रा थी.



माणिक,स्पिक मैके 

हास्य रचनाओं पर लोटपोट हुए श्रोता

भास्कर न्यूज & कपासन
नगर के प्राचीन जल स्त्रोत राजेश्वर सागर की पाल पर स्थित सरोवर हनुमान मंदिर पर हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन देर रात तक चला।

कपासन. राजेश्वर सागर की पाल स्थित सरोवर हनुमान मंदिर पर आयोजित कवि सम्मेलन में कविता पाठ करते कवि व पांडाल में उपस्थित श्रोता।


सरोवर हनुमान सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ उदयपुर से आई कवयित्री द्वारा ईश वंदना के साथ हुआ। ओजस्वी कवि दीपक कनेरा ने महाराणा प्रताप की देश भक्ति, त्याग शौर्य पर आधारित कविता सुनाकर श्रोताओं के मन में जोश भर दिया। विजयपुर से आए कवि अनिल व्यास ने भ्रष्टाचार पर व्यंग्य करते हुए रचना सुनाई। श्यामपुर मप्र के हास्य व्यंग्य कवि भवानीशंकर सोनी ने हास्य की छोटी-छोटी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को लोट-पोट कर दिया। स्थानीय कवि अशोक दाधीच ने वर्तमान परिवेश में बढ़ती पाश्चात्य सभ्यता फैशन के दौर में वस्त्रों पर व्यंग्यात्मक चित्रण किया। कवि बंशीलाल लढ़ा, मंजूरखां मंजर ने भी रचनाएं प्रस्तुत की। हास्य कवि अमृत वाणी चित्तौडगढ़़ ने श्रोताओं को खूब हंसाया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष प्रमोदकुमार मोदी ने की वहीं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चण्डालिया भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष नंदकिशोर टेलर आदि भी उपस्थित थे।