राष्ट्र रक्षा का धर्म ही क्षत्रिय धर्म है। चित्तौडग़ढ़ का इतिहास एक तरफ और पूरी दुनिया का इतिहास एक तरफ है। यह बात गुरुवार को दुर्ग स्थित फतहप्रकाश प्रांगण में जौहर स्मृति संस्थान की ओर से आयोजित जौहर श्रद्धांजलि समारोह में धर्मगुरू के रूप में रेवासा धाम सीकर के आचार्य जगदगुरू अग्रदेवाचार्य पीठाधीश्वर डा. स्वामी राघवाचार्य वेदांति ने कही।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप पूरी दुनिया के आदर्श है। समारोह में मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर के तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, युवा मामलात और खेल मंत्री राजेन्द्रसिंह चिब ने कहा कि भारत के इतिहास में मेवाड़ व राजस्थान के इतिहास की झलक नजर आती है। यहां की मिट्टी से तिलक करना नहीं भूल सकता। मेवाड़ राजघराने के महेन्द्रसिंह मेवाड़ ने कहा कि जो भी कदम उठाओ सोच समझकर उठाओ। विशिष्ट अतिथि के रूप में मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) विधायक प्रदीपकुमारसिंह ने कहा कि राजपूत राजनीति से अलग नहीं है। हम लकीर के फकीर नहीं बनकर आगे बढऩे के नए मापदंड तय करे।
इससे पूर्व समारोह में जौहर स्मृति संस्थान के अध्यक्ष उम्मेदसिंह धौली एवं पदाधिकारियों ने अतिथियों का माला पहना एवं स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया । समारोह में मेवाड़ राजघराने की निरूपमासिंह, नोबल ग्रुफ आफ स्कूल के निदेशक दलपतसिंह रूणिजा, महेंद्रसिंह कटोच, पीसीसी सदस्य गोपालकृष्ण शर्मा, धर्मेंद्र सिंह निमोता उपस्थित थे।
राष्ट्र रक्षा ही क्षत्रिय धर्म
कार्यालय संवाददात भास्कर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें