साथियों इस बार मै आप के लिए लाया हूँ चित्तोडगढ से श्री सांवलिया जी ( मण्डफिया ) तक 40 KM की हमारी पैदल यात्रा वृतांत जिसका मेरा अपना अनुभव बड़ा ही रोचक रहा |
मै अपनी इस यात्रा को आप सब के साथ बाटना चाहता हूँ हम अपने घर से शाम को ठीक 8:00 PM को रवाना हुई और पूरे तेरह घंटो तक की इस शानदार यात्रा मे मेरे साथ मेरे तीनो भाई चेतन , राहुल , और धनेश ,साथ ही हमारे मित्र अनिल का साथ तो मिला ही साथ मे पिताजी और उनके घनिष्ट मित्र गोपाल जी के इस सहयोग से हमारी ये यात्रा सफलता पूर्वक हमने पूरी की मगर हाँ अपनी इच्छा शक्ति से इन्सान क्या नहीं कर सकता है हमें रास्ते मे ऐसे भी लोग मिले है जो अपने निवास से कई किलोमीटर की यात्रा कई - कई दिनों तक पैदल चलते हुवे पूरी कर रहे थे , उस परम पिता परमात्मा की कोई तो शक्ति है जो उन्हें अनवरत चलने की शक्ति प्रदान करती है |
अब आप भी लीजिये हमारी उस यात्रा का आनंद |
रास्ते मे मिले एक ट्रक वाले की सहायता
रास्ते में चल रहे लंगर पर भोजन करते हुए
राधे - राधे की धुन पर नाचते हुए
आगे की यात्रा पर विचार विमर्श करते
पापा के साथ बेखोफ चलता हुवा
30 km चलने के बाद आराम करतेहुए
यहाँ तो ये हाल है मुझे पता ही नहीं कि मै कहा पर सो गया
रास्ते मे हैंडपंप से प्यास बुझाते
2.5 कि.मी. दूर मन्दिर मे आराम करते हुए
सारी रात अपनी टोर्च की लाइट से हमें रास्ता दिखाने के बाद अब इन्हें आदत सी पड़ गई|
गाँव का माहोल वाक़य बेहद खूब सूरत होता है ये मैने अब जाकर अनुभव किया जब 5:00 AM पर पक्षियों के समूह गान ने भोर का स्वागत किया |
श्री सांवलिया जी के मंदिर की एक झलक पाते ही मन को वो उत्साह मिला जेसे सारी थकान उतर गई हो
और हम से पहले हजारो लोगो की इस भीड़ ने हमारा उत्साह और बढाया और सारी थकान उतार दी
कृष्ण धाम सांवलिया की कूछ शानदार तस्वीरे
कृष्ण धाम सांवलिया की कूछ शानदार तस्वीरे
अब बारी है दर्शन के लिए लाइन मे लगने की
जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम के साथ बेहतरीन व्यवस्था
कवि अमृत वाणी द्वारा दर्शनार्थियों को स्वरचित पुस्तक सांवरा सेठ चालीसा भेट करते हुवे
और हम चल पड़े अब अपने घर की और !
:- शेखर कुमावत
11 टिप्पणियां:
बढ़िया रहा तस्वीरें देखना.
तो आखिर सांवलिया सेठ का मंदिर तैयार हो ही गया...
तहे दिल से धन्यवाद ये फोटोस उपलब्ध करने के लिए...
tasverein dekh kar acha laga..
share karne ke liye shukriya..
Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Zindgi Se Mat Jhagad..
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achcha lga aapke chitron sahit yatraa ka maza lena . ye shayad vishes avsar pe pad yaatra hoti hodi jaise bikaner me agle mahine melo ke douran yaha se 55 km door poonrrasar dhaam . kodesam dear . siyaana aadi shradhalu darshan karne paidal jaate hai . jab runucha to lag bhagbharat se abhut se paidal jaate hai .
aap ki pad yatra safal rahi , badhai
बहुत बढिया तस्वीरें।
बहुत बढिया तस्वीरें।
सारी रात अपनी टोर्च की लाइट से हमें रास्ता दिखाने के बाद अब इन्हें आदत सी पड़ गई|
सबसे मजेदार चित्र वही रहा .. बहुत सुंदर तस्वीरें .. तस्वीरें ही सबकुछ बयान कर रही है !!
bahut sundar yatra vratant.sunder saf pictures ne sone pe suhage ka kam kiya....
सुन्दर चित्रों के साथ यात्रा की सचित्र झांकी बहुत ही सुन्दर लगी. हमने तो घर बैठे ही दर्शन कर लिए. इसके लिए धन्यवाद.
hi..
Sundar aalekh...
chitr aalekh ko jeevant kar rahe hain...
Deepak
mazaa aa gyaa ..yaar...bahut badiyaa....chitra to bahut hi achhe lage
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