पाखाना कि खजाना

रामगढ़ की तर्कशील सोसायटी ने किया रहस्योद्घाटन

गायब हुआ धन पाखाने की कुंई में खोज निकाला

विनोद स्वामी व अजय सोनी
परलीका. घर में बना पाखाना परिवार का गायब हुआ धन उगलने लगा तो देखने वाले हैरान रह गए। घटना हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के भगवान गांव की है। महेन्द्र सिहाग के घर से गत नौ माह से रुपए, जेवर तथा अन्य सामान गायब हो रहा था। जिसे वे दैवीय आपदा या प्रेत-बाधा मानते रहे और झाड़-फूंक वाले सयाणों के चक्कर में पड़े रहे। आखिरकार 16 दिसंबर गुरुवार की रात रामगढ़ की तर्कशील सोसायटी ने रहस्योद्घाटन किया तथा गायब हुआ धन पाखाने की कुंई में खोज निकाला।
सोसायटी ने परिवार के सभी सदस्यों, आस-पड़ोस तथा अन्य संबंधित लोगों से गहन पूछताछ कर हकीकत का पता लगाया और यह रहस्योद्घाटन किया। सोसासटी ने इसे महज मानवीय शरारत माना है तथा शरारती का नाम पूर्णतया गोपनीय रखा गया है। ग्रामीणों की मानें तो इस घटना के बाद उनका जंत्र-मंत्र, डोरा-डांडा व ओझा-सयाणों से विश्वास उठ गया है।

यूं रहा घटनाक्रम

गत मार्च माह में महेन्द्र की पत्नी की सोने की अंगूठी गायब हो गई। इसे उन्होंने भूल से कहीं रखी मानकर या सामान्य चोरी मानकर संतोष कर लिया। फिर घर पर रखे नगदी रुपए अक्सर कम होने लगे। शाम को अगर पांच हजार रुपए कहीं से लाकर रखते तो सुबह तीन हजार ही मिलते। अगस्त 2010 में अचानक घर में ऐसी घटना हुई कि सारे गांव में चर्चा का विषय बन गया। घर से करीब 9 तोला सोने तथा आधा किलो चांदी के गहने संदूक से गायब हो गए। इस घटना से सभी घरवालों के मन में भय व्याप्त हो गया। पास-पड़ोस, रिश्तेदारों से राय आने लगी कि घर में कोई छाया या ओपरी का प्रभाव है। इसे कोई सयाणे को दिखाओ। इसके बाद वे अलवर के एक सयाणे के पास गए जिसने चार किलो घी जोत के लिए व 20 हजार रुपए मांगे और समस्या के समाधान का जिम्मा लिया। इसी क्रम में झुंझुनू, बींझबायला, पल्लू, रावतसर, लखूवाली इत्यादि दर्जनभर गांवों के झाड़-फूंक, डोरा व तंत्र-मंत्र वालों के चक्कर काटते रहे। वे लोग अपनी-अपनी पूजा-पद्धत्ति व पाखंड से उनसे प्रसाद व जोत के खर्चे के साथ-साथ नगदी तक की मांग करते रहे। किसी ने पड़ोसियों को चोर ठहराया तो किसी ने घर में ही रोग बताया। किसी ने भूत-प्रेत की बाधा तो किसी ने इसे ओपरी का नाम लेकर डर पैदा किया। नोहर के एक पुजारी, ऐलनाबाद के कम्प्यूटर से जंत्री बनाने वाले पंडितजी तथा अबोहर की तांत्रिक औरत द्वारा हिजरायत में अपराधी को दिखाने सहित पल्लू में जोत वाले बाबा ने उनके डर व मानसिक भय को और ज्यादा बढ़ा दिया।
यह सिलसिला रुका नहीं तथा घर में रोज ऐसी घटनाएं होने लगी। घर से रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी गायब होने लगा। ताला-चाबी से लेकर बच्चों के स्कूल बैग व तणी पर सूखते कपड़े गायब होने लगे। पूरा परिवार भय से विचलित हो गया। सयाणों ने सलाह दी कि यह घर छोड़ देने में ही परिवार का भला है। अचानक होने वाली इन घटनाओं के पीछे इस परिवार ने कोई आलौकिक शक्ति का हाथ मान लिया तथा इससे मुक्त होने के लिए पाखंडियों के धक्के चढ़ते रहे।
एक रिश्तेदार ने रामगढ़ की तर्कशील सोसायटी के बारे में बताया तो फोन पर संपर्क कर सारी घटना से सोसायटी को अवगत कराया। दिसंबर माह की 11 तारीख को अन्वेषण शुरू हुआ। सोसायटी के सदस्यों की बातों पर इस परिवार को शुरू में यकीन भी नहीं हुआ। तर्कशील सोसायटी के प्रांतीय प्रतिनिधि राममूर्ति स्वामी, रामगढ़, गोगामेड़ी तथा परलीका गांव की तर्कशील टीम सदस्यों ने भगवान गांव जाकर पूरी स्थिति का जायजा लिया और इस परिवार को भरोसा दिलाया कि घर के पाखाने की कुंई में सारा सामान मौजूद है। बैटरी की रोशनी से वहां देखा गया तो कपड़े जैसा कुछ दिखाई दिया।
अगले दिन सुबह जब ग्रामीणों ने कुंई का चौका हटाकर सामान निकालना शुरू किया तो मौके पर मौजूद ग्रामीण हैरत में पड़ गए। 
ग्रामीणों ने तर्कशील सोसायटी के राममूर्ति स्वामी, महेन्द्र सिंह शेखावत, रामकुमार कस्वां, दलीप सहू, आत्मप्रकाश स्वामी, विनोद स्वामी, लीलूराम व अजय को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

 
भगवान गांव में पाखाने से रुपए व जेवर निकालते समय मौजूद ग्रामीण।
 
पाखाने से निकले रुपए।
 
पाखाने से निकले सोने-चांदी के जेवर।
 
तर्कशील टीम के साथ परिवार के लोग व ग्रामीण।

क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं

तर्कशील सोसायटी के अनुसार इस प्रकार की घटनाओं के पीछे किसी प्रकार की आलौकिक शक्ति का हाथ नहीं होता वरन सामाजिक समन्वय के अभाव में उपजी खंडित मानसिकता की मानवीय शरारतें होती हैं। भगवान गांव की घटना में भी इसी प्रकार की मानवीय शरारत है। तर्कशील सोसायटी का मानना है कि ऐसी शरारत एक मानवीय भूल होती है, अत: शरारती को सुधरने का मौका मिले तथा वह समाज मेें उचित मान-सम्मान से जी सके इसलिए नाम गोपनीय रखा जाता है।

मतिभ्रम का मनोवैज्ञानिक खेल है हिजरायत

तथाकथित तांत्रिक दर्पण, नाखून या दीपक में उस परिस्थिति या घटना को दर्शाने का दावा करते हैं, जो अक्सर छोटे बच्चों को दिखाई जाती है और यह एक मतिभ्रम का मनोवैज्ञानिक खेल है। इसका सहारा लेकर पाखंडी लोग लोगों को मूर्ख बनाते हैं। इसमें लेशमात्र भी सच्चाई नहीं होती है। दर्पण, कालिख लगे नाखून या दीपक की जोत में एकटक बिना पलक झपके देखते हैं तो शुरू मे जो वस्तु सामने होती है वही दिखाई देती है, पर लगातार एक ही तरफ देखने से ऑप्टिक नर्व थक जाती है और उसमें सुन्न होने लगती है और दिमाग को वह पहले जो संदेश दे रही होती है वह नहीं दे पाती। बल्कि बालक के अचेतन में ऐसा संदेश एक रील की भांति पहले से ही चलता रहता है जो उसने पहले सुन रखा हो। फलस्वरूप उसे वही घटना दिखती प्रतीत होने लगती है।

धार्मिक श्रद्धा का नाजायज लाभ

सोसायटी के प्रांतीय प्रतिनिधि राममूर्ति स्वामी का मानना है कि तांत्रिक व पाखंडी आदि लोग धार्मिक श्रद्धा का नाजायज लाभ उठाते हैं और ऐसे पीडि़त परिवारों को एक-दो चीज डराने वाली दिखाकर अपने प्रभाव में ले लेते हैं। वे जादू का सहारा लेकर आग लगना, नींबू से खून टपकना, रेत की चुटकी से पानी मीठा करना, हाथ में चीजें गायब करना आदि दिखाकर प्रभाव उत्पन्न करते हैं। दूसरी तरफ किसी बड़े लाभ का लालच देकर अपनी लूट का शिकार उन्हें बनाते हैं। इससे पूर्व में भी सोसायटी ऐसी सैकड़ों घटनाओं का समाधान कर चुकी है। बौद्धिक वर्ग अपने चिंतन का उपयोग सामाजिक परिवेश को बदलने में करे तो वह दिन दूर नहीं जब समाज में अंधविश्वास रहित स्वच्छ वातावरण का निर्माण होगा।

प्रतिबंध लगे पाखंडियों पर

''पांखडियों का जाल दिनोदिन बढ़ता जा रहा है और इन पर कोई अंकुश नहीं है। सरकार को चाहिए कि इन पर प्रतिबंध लगाया जाए और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।'' -साहबराम सिहाग, ग्रामीण, भगवान।

रिपोर्टर के मोबाइल नम्बर : 9829176391(Vinod Swami), 9602412124(Ajay Soni)
प्रांतीय प्रतिनिधि राममूर्ति स्वामी के मोबाइल नंबर- 8104313679

विनोद अग्रवाल जी के भजनों पर पूरा शहर झूम पड़ा :-Bhilwara

भजन सम्राट विनोद अग्रवाल जी कि भजन संध्या कि कुछ यादगार तस्वीरे :- Bhilwara














Shekhar Kumawat

''अपनी माटी'' वेब मंच:-नवम्बर अंक


नमस्कार ,पाठक साथियों
''अपनी माटी''
जैसा गैरराजनैतिक ,कलावादी,अनियतकालीन,अव्यावसायिक और धर्मनिरपेक्ष वेब मंच
इस नवम्बर माह से ही अपनी शुरूआत के दूजे साल में प्रविष्ट हो चुका है इस यात्रा में आपकी ओर से मिले स्नेह और योगदान को हम सदैव मानते हैं.ये यात्रा हम आगे भी आपके आसरे तय करना चाहेंगे.नवम्बर माह में प्रकाशित रचनाओं  के समेकित अंक में लिंक्स इस तरह रहे हैं.


अभी तलक इस मंच से बहुत ज्ञानवान रचनाकार और संस्कृतिकर्मी जुड़े हैं आपका भी स्वागात है,कला,साहित्य,रंगकर्म,सिनेमा,समाज,संगीत,पर्यावरण से जुड़े लेख,बातचीत,समाचार,फोटो,रचनाएँ,रपट हेतु इस साझा मंच पर प्रेषित कर सकते हैं,हम अपने पाठकों के हित प्रकाशित कर खुद को समाज से जुड़ा समझेंगे.
अभी तलक जुड़े रचनाकारों की सूची

सादर,

माणिक;संस्कृतिकर्मी
सम्पादक,अपनी माटी,
17,शिवलोक कालोनी,संगम मार्ग,
चितौडगढ़ (राजस्थान)-312001
Cell:-09460711896,
http://apnimaati.com

मॉरिशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ दुर्ग देख अभिभूत हुए

Rajasthan Patrika & News Chittorgarh

चित्तौडगढ । मॉरिशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ गुरूवार को चित्तौड दुर्ग की स्थापत्य कला को देखकर अभिभूत हो गए। उन्होंने महलों और मन्दिरों की बेजोड स्थापत्य कला और महाराणा कुंभा की ओर से मालवा व गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बनवाए गए विजय स्तम्भ को गौर से देखा और इसकी स्थापत्य कला की सराहना की।

मॉरिशस के राष्ट्रपति ने दुर्ग भ्रमण के दौरान पद्मिनी महल, चतरंग मौर्य तालाब, दुर्ग का दक्षिणी भाग, भीमलत कुण्ड, सूरजपोल, कीर्ति स्तम्भ का भी अवलोकन किया। दुर्ग के गौरवशाली इतिहास, वीर-वीरांगनाओं, त्याग की प्रतिमूर्ति पन्नाधाय और वीरता की घटनाओं की जानकारी पर रोमांचित हो उठे। भ्रमण के दौरान उनके सचिव मेधा गनपथ, परिसहाय एल.पडारथ भी साथ थे।

इससे पूर्व अनिरूद्ध जगन्नाथ का कुम्भा महल परिसर में पालिकाध्यक्ष गीतादेवी, उपाध्यक्ष संदीप शर्मा, आयुक्त दिलीप गुप्ता, पार्षद रामकन्या मालीवाल, पूर्व पार्षद बालमुकन्द मालीवाल व रमेशनाथ योगी ने स्वागत किया और स्मृति चिह्न भेंट किया। जिंक गेस्ट हाउस में हिन्दुस्तान जिंक स्मेल्टर चन्देरिया के लोकेशन हेड पीएसआर मेहता, मजदूर संघ के वरिष्ठ सचिव घनश्यामसिंह राणावत, उप महाप्रबंधक पी.के. चतुर्वेदी, हाइड्रो इकाई के अखिलेश शुक्ला, प्रबंधक एचआर सुधीर पाण्डे तथा सुषमा मेहता ने स्वागत किया।

रही उत्सुकता

मॉरिशस के राष्ट्रपति के काफिले को देखने के लिए कई जगह सडक किनारे लोगों को खडे देखा गया। सेतु मार्ग पर सडक के दोनों ओर खडे लोगों का कार में ही हाथ हिलाकरअभिवादन स्वीकार किया।

भरते रहे 'पेच'

राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर गुरूवार सुबह से ही सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगा दिया गया। मार्ग में पडने वाले गaों की मरम्मत की गई। गुरूवार दोपहर 12.40 बजे तक पेच भरने का कार्य चलता रहा।

कलक्टर ने भेंट किया एलबम

मॉरिशस के राष्ट्रपति को उनकी चित्तौड यात्रा का फोटो एलबम जिला कलक्टर आरूषि मलिक ने जिंक गेस्ट हाऊस में भेंट किया। इस दौरान कला मंत्र के संजय माथुर ने भी स्मृति चिह्न भेंट किया। प्रशासन की ओर से मौसम को लेकर नौ छाते मंगवाए गए, लेकिन सुबह दस बजे ही मौसम साफ हो गया।



वरिष्ठ साहित्यकार श्री ओम पुरोहित 'कागद' जी रो राजस्थान रै सांसदा नै कागद


घणां मानीता अनै आदरजोग सांसद सा ,

                 जय राजस्थानी-जय राजस्थान !
 

               आप उण रजस्थान रा घणां हेताळू अनै म्होबी सांसद हो जिण री मायाड़ भाषा राजस्थानी है ! आप ओ भी जाणो हो कै राजस्थान रो नांव ई राजस्थानी भाषा रै ताण थरपीज्यो हो ! आज आज़ादी रै ६३ सालां बाद भी १३ करोड़ राजस्थानी आपरी मायड़ भाशा राजस्थानी री राजमानाता सारू बिलखै ! आपां दुनियां री लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां ईं ग्राम पंचायत सूं लेय’र संसद तांई में आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में नी बोल सकां ! आज़ादी सूं लेय’र हाल तांईं अबोला हां ! आपणी जुबान माथै ताळो है ! संसद में बोलण री दरकार है कै " सगळी भाषावां नै मानता-म्हानै टाळो क्यूं-म्हारी जुबान पर ताळो क्यूं  ?"आप सूं आस है कै आप संसद रै शीतकालीन सत्र में आ बात जोरदार ढंग सूं उठास्यो अनै राजस्थानी भाषा नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण री मांग मनवास्यो !             
               आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू  राजस्थान में चाल रैयै आंदोलन सूं आप आच्छी तरियां परिचित हो ! आप राजस्थान में इण पैटै जगरुकता रा पड़तख गवाह भी हो !राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण सूं होवण आळा घाटा भी आप सूं छाना नीं है ! आज आखो राजस्थान आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण रै दुख सूं कितरो दुखी है-आ बात भी आप सूं छानी नीं है ! पूरै देश रा टाबर आपरी मायड भाषा में शिक्षा ले रैया है पण राजस्थान रा टाबर कित्ता निरभागी है कै दुनियां री ऐक लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेवण नै मज़बूर है ! अब "नि:शुल्क एवम अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम" रै आयां तो ओ और भी लाजमी होग्यो कै राजस्थान रा टाबर भी आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्राथमिक शिक्षा लेवै ! पण लेवै तो कीयां लेवै ? हाल आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळीजी है ! आप तो जाणो ई हो कै इण बिना आ बिद नीं बैठै सा !
                 आप राजस्थान रा अर राजस्थानी भाषा रा म्होबी बेटा हो ! आप सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी आस राखै कै आप उण री आन-बान-स्यान सारू खेचळ जरूर करस्यो । आपरै छेतर  रा लोग भी आस राखै कै आप उणां नै उणां री ज़ुबान दिरावस्यो ! आप नै ध्यान ई है कै राजस्थान विधान सभा सूं मानजोग अशोक जी गहलोत सा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण रो प्रस्ताव सर्वसम्मति सूं पारित कर लोकसभा में पारित करण सारू केन्द्र सरकार नै भेजियो हो । बो प्रस्ताव बठै लारला सात बरस सूं रुळै है !
आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा !
राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा !

आपरो इज हेताळु

ओम पुरोहित"कागद"
२४-दुर्गा कोलोनी
हनुमानगढ़ संगम-३३५५१२
मोबाइल-०९४१४३८०५७१
 
Email:omkagad@gmail.com
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Blogger's की खास मीटिंग @ Chittorgarh

नमस्कार दोस्तों ,
इस बार मे लाया हूँ इंदुपुरी जी की बेटी की शादी मे हुई एक खास और न भुलाये जाने वाली उस मुलाकात के वो शानदार पल आप सब के लिए जो मुझे आज तक की ब्लॉग्गिंग से मिले , शुक्रिया करना चाहूँगा मे इंदु पूरी जी का जिन्होंने मुझे ललित जी और पदम् जी से मिलवाया जाते वक़्त थोड़ी हिचकिचाहट हो रही थी मगर जब मे वहा इंदु जी से मिला और उन्होंने पदम् जी और ललित जी मिलवाया तो मानो ऐसा लगा जेसे सालो पुराने बिछड़े हुवे यारो से गले लगे हो |
आगे का हल आप खुद उन फोटो मे देख लीजिये |






















































































































दोस्तों से मिलने की ख़ुशी इतनी हुई की पता ही नहीं चला की वक़्त केसे गुजर गया चित्तोडगढ मे ये पहली Blogger's मीटिंग थी जो एक शानदार श्याम के साथ नव विवाहित जोड़े के आशिर्वाद के साथ ख़त्म हुई

मगर हा जो भी हुवा मजा आ गया |

शेखर कुमावत

आज शेखर कुमावत का जन्मदिन है

>> शुक्रवार , 12 Nov 2010


आज, 12 Nov 2010 काव्य वाणी वाले शेखर जी का जन्मदिन है। ये आप का ब्लॉग जगत मे तीसरा जन्म दिन है, मे सब चिटठाकरो की और से आप के मंगलमय ब्लॉग्गिंग और शतायु आयु की कामना करता हूँ |


बधाईयाँ व शुभकामनाएं

:- कवि अमृत 'वाणी'

''अपनी माटी'' वेब मंच:-अक्टूबर अंक


नमस्कार
अपनी माटी वेब मंच पर और भी बहुत कुछ पढ़ने लायक
लिंक साझा कर रहे हैं.
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सादर,

माणिक;संस्कृतिकर्मी
17,शिवलोक कालोनी,संगम मार्ग, चितौडगढ़ (राजस्थान)-312001
Cell:-09460711896,http://apnimaati.com



मीरा महोत्सव;- डांडिया-गरबा रास देखने उमड़े शहरवासी

रविवार,24 अक्टूबर, 2010 दैनिक भास्कर
मीरा महोत्सव के तहत गोरा बादल स्टेडियम में शनिवार रात गरबा डांडिया रास आयोजित किया गया। जिसमें गरबा नृत्यों पर प्रस्तुतियां देखने लोग उमड़ पड़े।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJLg4ibQUTcAXAVpSB0IWtT8rPU53JiuK1mGSxgrwO2Os470JabSHL7b8CE54u9VqqjcHcOfiGV4af-_ZrA4mu1k8kBKjhyphenhyphenmigZ1diHL05k7Nt6rRs8pld_YxwWJt_I_MxbGD5KgDoOTY/s1600/Mira-Bai-Chittorgarh-com.gif
मीरा स्मृति संस्थान की ओर से मीरा महोत्सव के तीन दिवसीय महोत्सव के तहत शनिवार रात नौ बजे गोरा बादल स्टेडियम में गरबा डांडिया रास महोत्सव का शुभारंभ पूर्व चेयरपर्सन आनंदकंवर सांदू व संस्थान अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रतियोगिता में गुजरात की एक तथा चित्तौडग़ढ़ की आठ टीमे भाग ले रही है। इसमें नव दुर्गा मित्र मंडल अशोकनगर, मेवाड़ महोत्सव समिति, जय मां गरबा रास, जय अंबे महोत्सव, शास्त्रीनगर युवा समिति, माहेश्वरी युवा मृदुल सेवा समिति, इंपीरियल क्लब जिंकनगर, नवयुवक मंडल खटीक समाज की टीमों ने भाग लिया। गुजरात की ऊंकार कलाविृंद के कलाकारों ने प्रस्तुति शुरू की।

इधर, मीरा महोत्सव के तहत गोरा बादल स्टेडियम में शुक्रवार रात जितेन्द्र जैन एंड पार्टी की भजन प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत की गई दो नृत्य नाटिकाओं ने जमकर दाद लूटी।

गणपति व सरस्वती वंदना के बाद संगीतकार जितेन्द्र जैन ने'धरती धोरां रीÓ सुनाया। उन्होंने लगान फिल्म के गीत 'ओ पालनहारे, तुम बिन हमरा कोऊ नहींÓ प्रस्तुत किया।

नृत्य नाटिका ने किया भाव-विभोर

भजन संध्या में कलाकारों ने नृत्य नाटिका 'भगत के वश में है भगवानÓ की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। इस नाटिका में एक महिला द्वारा भगवान कृष्ण की अटूट भक्ति व समर्पण, उसकी बहुओं द्वारा भगवान की प्रतिमा को फेंकना, महिला के पगला जाने, डाक्टर द्वारा प्रतिमा के चेकअप करने आदि प्रसंगों के दिल छू लेने वाले मंचन पर पांडाल तालियों से गूंज उठा। इसके बाद एक अन्य नाटिका 'मेरो तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोईÓ में कृष्ण भक्ति से खफा होकर मीरा पर राजपरिवार के अत्याचार का मंचन

किया गया।

एक गीत से खफा हुए श्रोता

गायिका रीना दास ने भजनों के बीच एक राजस्थानी गीत 'मैं पालो कैयां काटूं जी, रेल में न बैठूं भंवरजी, मोटर में न बैठूंÓ सुनाया तो कई श्रोताओं ने इस पर आयोजकों के समक्ष प्रतिक्रिया दी कि इस तरह के गीत मीरा महोत्सव की संस्कृति के अनुरुप नहीं हैं। इसके बाद जब रीना एक और गीत सुनाने वाली थी तो उन्हें रुकना पड़ा।

मीरा महोत्सव के दूजे दिन की शाम का आयोजन और फोटो रपट

गूंजी स्वर लहरियां
राजस्थान पत्रिका
Saturday, 23 Oct 2010
चित्तौड़गढ़। मीरां स्मृति संस्थान की ओर से तीन दिवसीय मीरां महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार सवेरे दुर्ग स्थित मीरां मंदिर मे भजनों की स्वर लहरियों पर दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।
मीरां भजन संध्या में मंदसौर के ललित बटवाल,दिल्ली के महेन्द्र पुरोहित ने भजनों से समां बांधा। भजनों पर कई श्रोता भाव विभोर हो गए। कार्यक्रम के दौरान बाहरी पर्यटकों ने भी भजनों का आनंद लिया। भजन गायकों ने 'आली म्हाने लागो वृदांवन', 'श्याम मिलन की प्यासी अंखियां', 'मेरो मन राम ही राम रटे', 'राम चरण सुख दाई' सहित कई भजनों की प्रस्तुति दी। गायकों का संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा, सचिव एस.एन. समदानी ने सम्मान किया। मीरां महोत्सव का आगाज गुरूवार रात्रि सवा आठ बजे गोरा बादल स्टेडियम मे हुआ।भजन गायक सतीश देहरा ने भजनों की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि जिला कलक्टर आरूषि मलिक ने भजन संध्या का शुभारंभ किया।
अध्यक्षता हिन्दुस्तान जिंक लि. के सीएसआर मेहता, विशिष्ट अतिथि पालिकाध्यक्ष गीतादेवी, उपाध्यक्ष संदीप शर्मा आदि थे। अतिथियों, भजन गायकों का संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष सत्यनारायण काबरा, सचिव एस.एन. समदानी आदि ने स्वागत किया। गायकों ने कई भजनों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव विभोर किया। भजन गायक सतीश देहरा गायिका दीपमाला ने भजनों की प्रस्तुति दी। भजन संध्या के बाद इसी मंच पर रात्रि में नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। कलाकार गौरीराव मेहता मुम्बई एवं अन्य कलाकारों ने मीरां की भक्ति पर आधारित नृत्य नाटिका से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। संगीत, संवाद और मंच पर चल विद्युत सज्जा अलग सी बन पड़ी।